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Tag Archives: poem

old locked door creative photo for scottshak's poem

घर न जा परिंदे

घर न जा परिंदे वहाँ ताला है बदला, तेरी चाबी से अब न खुलेगा,वापस कहाँ जाएगा?इतने दिनों तू था एक अजनबी, अब तुझे क्यों कोई गले लगाएगा?जिस युद्ध में था तू डूबा,वहाँ जाने से तुझे था रोका ,तू फिर भी लड़ने था दौड़ाकी तेरा रक्त

missing creative photo for scottshak's poem

Miss Communication

I often miss our communication,When we would speak so muchThat the world would evanesce,When we would hold each other’s gazeFor so longIt would unveil our longingTo be with each otherSo closeThat our breaths would mingleAnd fail to make out Yours from mine.What’s mine is yours,What’s

sad pic for scottshak's hindi poem

मैं यहीं ठीक हूँ

जब तुम ठहरे हो एक कगार पर,कि अब टूटे की तब टूटे,जहाँ टूटने के सिवा और कुछ न कभी होता,इंतज़ार के चौखट पर शायद ही मन कभी सोता,तो क्या फ़ायदा हथेलियों का? जब रेत रोके न रुके, जब हर सोच हो बिखरने की, रास्ता हो

image used for scottshak's poem the boogeyman hour

The Boogeyman Hour

Why I hate to fightIs not the hurt,It is actually the aftermathWhen she pulls herself under a shellAnd struggles to trust me again.I was a monsterSome unfortunate minutes ago,It is so difficult to convinceThat I am not the same man,I was merely at my lowest

Tommy Ingberg photo for scottshak's poem

एक पत्र कर्क को

कर्क तूने खुद बड़ा हो करमुझे इतना सा बना दिया | कितना गरम था यह मिज़ाज तूने नरम ही बना दिया | रातों की गायब नींद को तूने झट्ट से सुला दिया | जल्दी से बड़े होने की दौड़ कोतूने अपना ही बना लिया ?

अकेले चल मुसाफ़िर walk alone wallpaper

अकेले चल मुसाफ़िर

इस तन्हाई की आदत डाल मुसाफ़िर, आगे तुझे अकेला ही चलना पड़ेगा,सफ़र अभी बहुत लम्बा है मुसाफ़िर, यूँ घुटने टेक देगा तो कैसे चलेगा? लोग तो बस राही थे मुसाफ़िर,पैदा तो तू अकेला ही हुआ था,रस्ते सब के अलग होते हैं मुसाफ़िर,तेरे रस्ते तुझे अकेला

meditation featured image for scottshak's poem

धीमी चला तू साँसे

कम से कम चला रे साँसे साँसों को तू संभाल रख,है जरुरत आगे जाकर हौसले को तू बांध रख | क्यों चाहिए इतनी साँसे ?चंद लगेगी जीने को, आगे की नदी तो सूखी पड़ी है पानी भी न मिलेगा पीने को | व्यर्थ लगा मत

tears creative photography

आंसुओं को थाम लो

कस लो कमर आंसुओं को थाम लो आ गई खबर बंद कर दो दफ्तर कर लिया सब काम हो गयी है शाम लगेगी अब रात की फूँकार | चौखट पर है यम की सवारी बैठ कर बस निकलने की है बारी | बंद होगी अब

burnt village featured image

बखेड़ों की बस्ती

लोगों का क्या है,लोग तो भखेड़ों की बस्ती से निकल पड़ते हैं सब सामान बटोरे पर मैं, मैं तो वहीँ रह जाता हूँ महीनो किराया दे वहीँ बस जाता हूँ दुर्घटना स्थल के चक्कर लगाताबार बार दोहराता जो चीज़ें हलक पर रुक गयी थी सब

mera chhota sa jahaz image

मेरा छोटा सा जहाज़

बादल नीचे,आसमान अब भी ऊपर,तैरता सफ़ेद रज़ाई परमेरा छोटा सा जहाज़ |पंखियों से अपने काटे रस्ता,रस्ता नापे दिशाहीन नीले अंबर का,ऊंचाइयों को बतलाताअपने कद का मसलाकैसे लोग उसे हमेशा,हमेशा ही नज़रअंदाज़ करते |कैसे तौली जाती बाते उसकीआकारों के तराज़ू मेंऔर मोल कभी सही न लगताउसके