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Tag Archives: hindi poems

tommy inberg photo for scottshak's poem

मैं भी कभी कभी लिख लेता हूँ

मैं भी कभी कभी लिख लेता हूँ,जलता हूँ अक्सरउन लोगों सेजो कितनी आसानी से अपनी बात कह देते हैं,जो दिल में होता है उसे तुरंत ही रख देते हैं |कैसे?कैसे ज़िन्दगी इतनी सहल कर रखी है भला?क्यों नहीं कभी भरता तुम्हारी सोच का घड़ा?वह क्या

touching water in autumn photo for scottshak's poem

साक्ष्य

खोजूं तेरे समभावशब्दों की धुरी में, तेरी आदतों में छिपती हैमेरी परछाइयों के निशाँ |तू सर्द में है वो मख़मली कम्बल,ओढ़ते ही जो भुला दे दिन रात का पता |हरारत में तेरी उँगलियों के छींटे,सौंप दे जो ओस की सीत्कार,तू शब्द है ऐसे प्रचंड,लगते ही

sick image for scottshak's poem

बीमार

ऐ बीमारतू है किसका शिकार ? शायद वो हवाजो चली थी सर्राटे से,बदल गई मिजाज तेरे,सिकोड़ गई तुझेअपने आवरण में,ले गई तुझे अपने भीतरखुद से अवगत कराने | या वो पानी जो तू पी गयाबिन सोचे समझे,तू कहता थापानी का रंग तोदिखता है प्यासे को,मैंने