आंसुओं को थाम लो
कस लो कमर आंसुओं को थाम लो आ गई खबर बंद कर दो दफ्तर कर लिया सब काम हो गयी है शाम लगेगी अब रात की फूँकार | चौखट पर है यम की सवारी बैठ कर बस निकलने की है बारी | बंद होगी अब
कस लो कमर आंसुओं को थाम लो आ गई खबर बंद कर दो दफ्तर कर लिया सब काम हो गयी है शाम लगेगी अब रात की फूँकार | चौखट पर है यम की सवारी बैठ कर बस निकलने की है बारी | बंद होगी अब
With one side of my face paralyzed I have often been misunderstood by people. My smiling would be mistaken for a smirk. Some have wondered if I was grimacing at something that they said or sneering at them for some reason. Come to think of
लोगों का क्या है,लोग तो भखेड़ों की बस्ती से निकल पड़ते हैं सब सामान बटोरे पर मैं, मैं तो वहीँ रह जाता हूँ महीनो किराया दे वहीँ बस जाता हूँ दुर्घटना स्थल के चक्कर लगाताबार बार दोहराता जो चीज़ें हलक पर रुक गयी थी सब
I no longer feel my tears when they roll down my cheek on the left side of my face. It is a rare feeling per se, for when a teardrop does fall, it remains stranded on the precipice of my eyelashes whilst my eyes don’t
क्या पता कैसी थी वो ?अब तो सदियों पुरानी होगी,कैसा था चेहरा ?कैसी थी आँखें ?और कैसी मुस्कान ?कभी देखा ही नही,तो क्या समझूँ कैसी थी वो ? भूल गयी हूँ चेहरा उनकाकहती अक्सर माँ,बचपन में ही खो दिया था,तो क्या समझाऊं कैसी थी वो
Such a useful self-help book! I applied a lot of things that were in the book to my life and was able to build many effectual habits out of my sluggish routine within no time. There are things in the book that you are already
I often find myself being riled up by a constant foreboding owing to my recent severe headaches. I remember the day I was hit by it. I was working on my computer, been staring at the screen for a long time, for I code, which
चलो कह देतें हैं एक और झूठ,आखिर दुनिया में सच है ही क्या? आकाश का रंग,है आँखों का छलावा |अगर अंबर है नीला,तो मेरा मन भी है नीला,मेरी ज़ुबान भी है नीली, मेरा पैसा भी नीला |मेरे बाल,चलो कुछ तो सफ़ेदपर बाकी सब है नीले
If I could just think of one thing,The one thing that sent me tumbling down the hillI might try to beat around the bushBut I will always learn what to sayWas it the edge that slipped on me?So that I could fall in the tightest
बादल नीचे,आसमान अब भी ऊपर,तैरता सफ़ेद रज़ाई परमेरा छोटा सा जहाज़ |पंखियों से अपने काटे रस्ता,रस्ता नापे दिशाहीन नीले अंबर का,ऊंचाइयों को बतलाताअपने कद का मसलाकैसे लोग उसे हमेशा,हमेशा ही नज़रअंदाज़ करते |कैसे तौली जाती बाते उसकीआकारों के तराज़ू मेंऔर मोल कभी सही न लगताउसके