नौ महीने
पहला महीना मेरी माँ का चिंतित मन मैं अच्छी तरह से भाँप सकता हूँ। वह अकेली एकांत में बैठी हैं। चेहरे पर घूँघट होने के बावजूद उनकी दृष्टि हल्के बंद दरवाज़े से आती हुई रोशनी पर टिकी है। उनका मन व्याकुलता के सागर में गोते
पहला महीना मेरी माँ का चिंतित मन मैं अच्छी तरह से भाँप सकता हूँ। वह अकेली एकांत में बैठी हैं। चेहरे पर घूँघट होने के बावजूद उनकी दृष्टि हल्के बंद दरवाज़े से आती हुई रोशनी पर टिकी है। उनका मन व्याकुलता के सागर में गोते