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Monthly Archives: August 2023

rumali roti roomali roti poem by scottshak

रुमाली रोटी

“रुमाली रोटी! आज फिर तेरी याद आयी रे!” मन अचरज में पड़ाकी इतनी पतली हो कर भी तू कैसे भर देती पेट मेरा?रूमाल की हरकतें देख कर है तेरा नाम पड़ा, कई बार तो मैं धोखा खा कर जेब में तुझे ले चल पड़ा। न

still shot of a banana creative photography

The Dying Son

When a flower wilts,It hurts the bee,So does it bother the thirsty,When the last drop of the river dries,Oars are no longer worthy,Does the boat forget its journey?Does the plant remember its child?Or the bee forgets to rueThe loss of a good thing in its

old locked door creative photo for scottshak's poem

घर न जा परिंदे

घर न जा परिंदे वहाँ ताला है बदला, तेरी चाबी से अब न खुलेगा,वापस कहाँ जाएगा?इतने दिनों तू था एक अजनबी, अब तुझे क्यों कोई गले लगाएगा?जिस युद्ध में था तू डूबा,वहाँ जाने से तुझे था रोका ,तू फिर भी लड़ने था दौड़ाकी तेरा रक्त