अकेले चल मुसाफ़िर
इस तन्हाई की आदत डाल मुसाफ़िर, आगे तुझे अकेला ही चलना पड़ेगा,सफ़र अभी बहुत लम्बा है मुसाफ़िर, यूँ घुटने टेक देगा तो कैसे चलेगा? लोग तो बस राही थे मुसाफ़िर,पैदा तो तू अकेला ही हुआ था,रस्ते सब के अलग होते हैं मुसाफ़िर,तेरे रस्ते तुझे अकेला
इस तन्हाई की आदत डाल मुसाफ़िर, आगे तुझे अकेला ही चलना पड़ेगा,सफ़र अभी बहुत लम्बा है मुसाफ़िर, यूँ घुटने टेक देगा तो कैसे चलेगा? लोग तो बस राही थे मुसाफ़िर,पैदा तो तू अकेला ही हुआ था,रस्ते सब के अलग होते हैं मुसाफ़िर,तेरे रस्ते तुझे अकेला