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Daily Archives: December 23, 2021

touching water in autumn photo for scottshak's poem

साक्ष्य

खोजूं तेरे समभावशब्दों की धुरी में, तेरी आदतों में छिपती हैमेरी परछाइयों के निशाँ |तू सर्द में है वो मख़मली कम्बल,ओढ़ते ही जो भुला दे दिन रात का पता |हरारत में तेरी उँगलियों के छींटे,सौंप दे जो ओस की सीत्कार,तू शब्द है ऐसे प्रचंड,लगते ही